1 makhdoom asharf jhangir samnani history in hindi
SULTAN SYED MAKHDOOM ASHRAF JHANGIR SAMNANI KICHOCHA SHARIF
DARGAH MAKHDOOM ASHRAF KICHOCHA SHARIF
हयात-ए-ग़ौसुल-आलम एक नज़र में
ग़ौसुल आलम महबूब यज़दानी सुल्तान सैयद अशरफ जहांगीर समनानी क़ुद्दसा सिर्रहु नूरानी समनान के शाही घराने में पैदा हुए, आप वालिदैन की बेपनाह तमन्नाओं व इल्तिजाओं और हज़रत इब्राहीम मजज़ूब की दुआओं और जनाब-ए-रसूलललाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बशारत के बाद पैदा हुए थे।
चार साल चार माह चार दिन को पहुँचे तो रस्मे बिस्मिल्लाह हुई, सात साल की उम्र में पूरा कुरान-ए-अज़ीम क़िरआते सबा के साथ हिफ़्ज़ कर लिया और क़िरआते सबा पर पूरी तरह हावी हो गए।
इसके बाद तहसील इल्म की जानिब मुतवज्जा हुए, और मौलाना एमादुद्दीन तबरेज़ी, इमाम अलाउद्दौला समनानी, शेख अब्दुल रज्ज़ाक़ काशानी, इमाम अब्दुल्लाह याफ़ई और सैयद अली हमदानी जैसे नामवर उल्मा व अइम्मा फ़न सूफ़ी-आऐ रोज़गार व साहिबान बसीरत से आप ने तालीम-ओ-तरबियत हासिल और चौदह साल के अंदर जुमला उलूम-ओ-फ़ूनून पर पूरा उबूर-ओ-दस्तगाह हासिल कर लिया।
तकमील उलूम व फ़ूनून के एक साल के बाद वालिद मोहतरम (पिता दयालु) का साया सर से उठ गया, वालिद-ए-गेरामी सुल्तान सैयद इब्राहीम के विसाल के बाद निज़ाम-ए-हुकूमत की पूरी जिम्मेदारी आप के कंधों पर आ पड़ी और आप तख़्ते हुकूमत पर जलवा अफ़रोज़ हुए ,सुल्तान सैयद इब्राहीम की वफ़ात के बाद समनान में
चार साल चार माह चार दिन को पहुँचे तो रस्मे बिस्मिल्लाह हुई, सात साल की उम्र में पूरा कुरान-ए-अज़ीम क़िरआते सबा के साथ हिफ़्ज़ कर लिया और क़िरआते सबा पर पूरी तरह हावी हो गए।
इसके बाद तहसील इल्म की जानिब मुतवज्जा हुए, और मौलाना एमादुद्दीन तबरेज़ी, इमाम अलाउद्दौला समनानी, शेख अब्दुल रज्ज़ाक़ काशानी, इमाम अब्दुल्लाह याफ़ई और सैयद अली हमदानी जैसे नामवर उल्मा व अइम्मा फ़न सूफ़ी-आऐ रोज़गार व साहिबान बसीरत से आप ने तालीम-ओ-तरबियत हासिल और चौदह साल के अंदर जुमला उलूम-ओ-फ़ूनून पर पूरा उबूर-ओ-दस्तगाह हासिल कर लिया।
तकमील उलूम व फ़ूनून के एक साल के बाद वालिद मोहतरम (पिता दयालु) का साया सर से उठ गया, वालिद-ए-गेरामी सुल्तान सैयद इब्राहीम के विसाल के बाद निज़ाम-ए-हुकूमत की पूरी जिम्मेदारी आप के कंधों पर आ पड़ी और आप तख़्ते हुकूमत पर जलवा अफ़रोज़ हुए ,सुल्तान सैयद इब्राहीम की वफ़ात के बाद समनान में
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शब्दार्थ:
बसीरत =अंतर्दृष्टि, तालीम-ओ-तरबियत =शिक्षा और प्रशिक्षण, हासिल =प्राप्त, जुमला उलूम-ओ-फ़ूनून =वाक्यांश अध्ययन और कला, उबूर-ओ-दस्तगाह =पार और हस्तगाह, हासिल =पा, तकमील उलूम व फ़ूनून =पूरा अध्ययन और कला, विसाल =मृत्यु, निज़ाम-ए-हुकूमत =शासन, तख़्ते हुकूमत =सिंहासन, जलवा अफ़रोज़ =विराजमान.
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